Credit Score क्या होता हैं | जल्द लोन अप्रूवल के लिए कितना होना चाहिए क्रेडिट स्कोर | ये है क्रेडिट स्कोर बढ़ाने के टिप्स (credit score in hindi)

Credit Score Kya Hota hai : आज के दौर में क्रेडिट स्कोर (Credit Score) की भूमिका काफी अहम हो गई है. क्योंकि मौजूदा समय में महंगाई इतनी ज्यादा बढ़ गई है कि, सिर्फ आपके बचत के बलबूते पर आपका काम नहीं चल पाता. जब आपको नई कार खरीदनी होती हैं, या आप नया घर खरीदना चाहते हैं, या फिर किसी कारणवश एमरजेंसी में पैसों की जरुरत पड़ जाती हैं, तब मन में सबसे पहले ऋण(loan) लेने का विचार आता हैं. क्योंकि लोन लेकर आप अपनी आवश्यक जरूरतों को पूरा कर सकते हैं. पर जब भी आप बैंक में या किसी भी फाइनेंस संस्थान में लोन(Loan) के लिए अप्लाई करते हैं, तब बैंक और फाइनेंस संस्थान सबसे पहले आपके क्रेडिट स्कोर की जांच करते हैं. आपकी सैलरी कितनी है या हर महीने आप अपने बिजनेस से कितनी कमाई कर लेते है, इन सब बातों के अलावा यह बात भी बहुत अहम है कि आपका क्रेडिट स्कोर कितना है.

क्रेडिट स्कोर न सिर्फ लोन लेने के लिए एक अहम है बल्कि यह लोन की शर्तों, लोन के अप्रूवल में लगने वाला टाइम, ईएमआई और ब्याज दर को भी प्रभावित करता है. इसलिए लोन लेने से पहले यह समझना बेहद ही आवश्यक है कि, क्रेडिट स्कोर क्या हैं, यह लोन को कैसे प्रभावित करता है और लोन के लिए न्यूनतम कितना क्रेडिट स्कोर होना चाहिए.

तो दोस्तों अगर आप क्रेडिट स्कोर को अच्छी तरह से जानना चाहते हैं, तो इस लेख को अंत तक जरुर पढ़ें, इस लेख में बताया गया हैं कि, credit score kya hota hain? जल्द लोन अप्रूवल के लिए कितना होना चाहिए क्रेडिट स्कोर? और अगर क्रेडिट स्कोर कम हैं तो कैसे बढ़ाया जाए?

क्रेडिट स्कोर क्या होता हैं?

What is credit score : क्रेडिट स्कोर आपकी क्रेडिट हिस्ट्री की 3 अंकों की संख्या है. क्रेडिट स्कोर प्रभावी रूप से भुगतान हिस्ट्री समेत किसी भी शख्‍स की क्रेडिट हिस्‍ट्री को दर्शाता है. क्रेडिट स्कोर को ही सिबिल स्कोर(cibil score) भी कहा जाता हैं.

credit score, credit score kya hota hain.
Credit Score क्या होता हैं

आपके क्रेडिट स्‍कोर पर ही ये निर्भर करता है कि, आपको कितना लोन मिलना चाहिए या फिर आपको लोन दिया जाना चाहिए या नहीं. यानी लोन लेने के लिए आपकी पात्रता को तय करने में आपके क्रेडिट स्‍कोर की बहुत बड़ी भूमिका होती हैं. अगर आपका क्रेडिट स्‍कोर अच्‍छा है, तो आपको लोन आसानी से मिल जाता है. लेकिन अगर क्रेडिट स्‍कोर खराब है, तो लोन अप्रूवल में कई प्रकार की दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता हैं. क्‍योंकि उपभोक्ता के अच्छे क्रेडिट स्‍कोर से ऋणदाता को ये भरोसा होता है, कि उसका पैसा डूबेगा नहीं. और ऋणदाता के भरोसा के बौदलत ही लोन आसानी से बहुत ही जल्द अप्रूव हो जाता है. हालांकि इसका अर्थ ये नहीं कि सिर्फ क्रेडिट स्कोर के ही आधार पर लोन अप्रूव होता है, बल्कि इसके अधिक होने से लोन आवेदन के मंजूर होने की संभावना बढ़ती है.

आपको बता दे कि, कई बार लोन की ब्याज दर भी क्रेडिट स्कोर पर ही डिपेंड करती है. कभी कभी क्रेडिट स्कोर कम होने से लोन आवेदन भी खारिज हो सकता है या लोन पास हुआ तो अधिक ब्याज चुकाना पड़ सकता है. कई वित्तीय संस्थान तो सबसे पहले यह स्कोर देखकर ही फैसला करते हैं कि लोन आवेदन पर आगे प्रक्रिया जारी रखनी चाहिए या नहीं. यानी क्रेडिट स्कोर लोन पास कराने का फर्स्ट इंप्रेशन है यह कहना गलत नहीं होगा.

कैसे तय होता हैं क्रेडिट स्कोर?

How is credit score determined : किसी भी व्‍यक्ति का क्रेडिट स्कोर उसके क्रेडिट रिकॉर्ड की रिपोर्ट के आधार पर तय किया जाता है. क्रेडिट स्‍कोर तय करते समय देखा जाता है कि, आपने अब तक कितने प्रकार का लोन लिया है, उसको कितने समय में चुकाया, या उसको तय समय पर चुकता किया है या नहीं, किस-किस बैंक या फाइनेंस कंपनियों से लोन या क्रेडिट कार्ड लिया है आदि. लोन क्रेडिट से जुड़ी तमाम बातों का हिसाब-किताब रखा जाता है.

क्रेडिट स्कोर कौन तय करता हैं?

Who determines credit score : किसी शख्स का कितना क्रेडिट स्कोर(cibil score) है ये क्रेडिट इंफॉर्मेशन कंपनी(CIC) या क्रेडिट ब्यूरो के क्रेडिट रिपोर्ट के आधार पर ही तय किया जाता हैं. भारत में ट्रांसयूनियन सिबिल, इक्विफैक्स, एक्सपेरियन और CRIF हाईमार्क ये मुख्यत चार क्रेडिट इंफॉर्मेशन कंपनी(CIC) या क्रेडिट ब्यूरो हैं. इन क्रेडिट ब्यूरो को आरबीआई लाइसेंस देती है. और उसका नियंत्रण क्रेडिट इंफॉर्मेशन कंपनीज (विनिमय) अधिनियम, 2005 द्वारा किया जाता है.

ये क्रेडिट ब्यूरो हर शख्स की वित्तीय(finance information) जानकारी इकट्ठा करते हैं. और उस फाइनेंस इन्फोर्मेशन के आधार पर क्रेडिट रिपोर्ट तैयार करते हैं. और इन क्रेडिट ब्यूरो द्वारा तैयार किया गया क्रेडिट रिपोर्ट्स का उपयोग किसी शख्स के क्रेडिट स्कोर का मूल्यांकन करने के लिए किया जाता है, जिसका उपयोग बैंकों या लोन संस्थानों द्वारा किसी व्यक्ति को नए क्रेडिट कार्ड या लोन देते समय किया जाता है.

कितना होना चाहिए न्यूनतम क्रेडिट स्कोर?

minimum credit score ; किसी भी लोन को पास कराने में आपका क्रेडिट स्‍कोर बड़ी भूमिका निभाता है. क्रेडिट स्‍कोर 300 से 900 के बीच निर्धारित किया जाता है. आमतौर पर 750 या इससे अधिक स्‍कोर को अच्‍छा माना जाता है. यानी 900 के जितना करीब स्कोर है, लोन आवेदन पास होने की संभावना उतनी अधिक बढ़ती जाती है.

क्रेडिट स्‍कोर अच्‍छा होने के फायदे

  • लोन मिलना आसान हो जाता है.
  • लोन सस्‍ती ब्‍याज दर पर मिल सकता है.
  • लॉन्‍ग टेन्‍योर के लिए लोन मिल सकता है.
  • आपकी लोन रिक्‍वेस्‍ट जल्‍द अप्रूव हो सकती है.
  • लोन प्रोसेसिंग फीस और अन्‍य चार्जेज में डिस्‍काउंट मिल सकता है
  • अधिक लोन राशि के स्वीकृति की संभावना ज्यादा रहती है

क्रेडिट स्कोर बेहतर कैसे करे?

How to improve credit score?

  • अगर आप लोन लेने के बाद समय पर ईएमआई देते हैं और लोन का पूरा भुगतान करते हैं तो आपका क्रेडिट स्‍कोर बेहतर होता है.
  • आपका क्रेडिट अकाऊंट जितनी जितना पुराना होगा, आपकी विश्‍वसनीयता भी उतनी अधिक होगी जिससे आपका क्रेडिट स्कोर बेहतर होगा
  • लोन लेने हो तो सुरक्षित ऋणों(होम लोन, कार लोन) को ले और इनकी ईएमआई को समय से चुकाए, जिससे आपका क्रेडिट स्‍कोर बेहतर होगा.
  • क्रेडिट कार्ड के अधिक इस्‍तेमाल करने से बचें और पर्सनल लोन बहुत ज्‍यादा न लें. जरूरत पड़ने पर ही लोन लें. जिससे आपका क्रेडिट स्कोर बेहतर होता हैं.
  • क्रेडिट कार्ड के जरिये खरीदी गई वस्तुओं का बिल का भुगतान समय पर करें. जिससे आपका क्रेडिट स्‍कोर बेहतर होगा.

क्रेडिट स्कोर ख़राब करते है ये बातें

  • आपके द्वारा लिए गए लोन को समय पर न चुकाना, क्रेडिट स्‍कोर को खराब करने की बड़ी वजह है
  • अनसिक्‍योर्ड लोन(पर्सनल लोन, क्रेडिट कार्ड) दो से ज्‍यादा नहीं लेना चाहिए. इससे आपका क्रेडिट स्‍कोर बिगड़ता है.
  • क्रेडिट कार्ड के जरिए अधिक खरीददारी करने से आपका क्रेडिट कार्ड का बिल काफी बढ़ जाता है. जिससे भुगतान करने में कई दिक्कतें आ सकती हैं. ऐसा होने पर आपका क्रेडिट स्कोर खराब हो सकता है.
  • अगर आप देर से क्रेडिट कार्ड के बिलों का भुगतान करते हैं. ऐसे में आपके ऊपर जुर्माना लगने के साथ ब्याज दर भी बढ़ जाती है. और क्रेडिट स्कोर परे निगेटिव असर पड़ता हैं.
  • एक ही समय पर एक साथ कई प्रकार के लोन न लें. इससे भी आपका क्रेडिट स्‍कोर खराब होने की संभावना होती है.
  • अगर आपका संयुक्त खाता धारक या किसी के गारंटर बनने से बचें क्‍योंकि आपके जॉइंट अकाउंट होल्‍डर या जिसके लिए आपने गारंटी दी है, वह अगर कोई गलती करता हैं, तो इससे आपका क्रेडिट स्‍कोर पर भी बुरा असर पड़ता हैं.
  • हर महीने आप अपनी क्रेडिट सीमा का केवल 30% ही खर्च करें. क्योंकि अधिक खर्च करने से ये मेसेज जाता हैं कि, आप अपने पैसों को बिना सोचे-समझे खर्च करते हैं. इससे आपका क्रेडिट स्कोर गिर सकता है.
  • नया क्रेडिट कार्ड बनवाते समय कार्ड जारीकर्ता आपकी क्रेडिट रिपोर्ट चेक करते हैं. इस क्रेडिट चेक को हार्ड इंक्वायरी, या “हार्ड पुल” कहा जाता है जो कि अस्थायी रूप से आपके क्रेडिट स्कोर को कुछ अंक कम कर देता है.
  • अपने पुराने क्रेडिट कार्ड अकाउंट को बंद न करे, वरन अपग्रेड करवा ले. क्योंकि ऐसा करना क्रेडिट स्कोर को नुकसान पहुंचाता है.

क्रेडिट स्‍कोर न होना भी ठीक नहीं

कुछ लोग ऐसे होते हैं, जिन्‍होंने कभी भी लोन नहीं लिया होता है और न ही वो क्रेडिट कार्ड का इस्‍तेमाल करते हैं. ऐसे में वे सोचते हैं कि, उन्‍हें लोन आसानी से लोन मिल जाएगा क्‍योंकि वें किसी के कर्जदार नहीं हैं. लेकिन उनकी ये धारणा गलत है. अगर उन्होंने कोई लोन नहीं लिया है और उनके पास क्रेडिट कार्ड भी नहीं है, तो क्रेडिट इंफर्मेशन कंपनियां ये जान नहीं पातीं कि उन्हें लोन के मामले में जोखिम वाली श्रेणी में रखा जाए या नहीं. ऐसे में उनका कोई क्रेडिट स्‍कोर नहीं होता. क्रेडिट स्‍कोर न होने पर तमाम फाइनेंस संस्‍थान लोन देने में हिचकते हैं.

क्रेडिट स्कोर कैसे चेक करें

how to check credit score : credit score चेक करने के लिए ज्यादातर बैंकों के पास सिबिल स्कोर का ही ऑप्शन होता है. अगर आप अपना credit score/Cibil Score करना चाहते है तो आपको कुछ स्टेप्स को फॉलो करने होंगे. आपको इसके लिए ऑफिशियल साइट पर जाना होगा. CIBIL वेबसाइट पर जाने के बाद आपको ‘गेट योर सिबिल स्कोर’ का ऑप्शन मिलेगा. यहां पर क्लिक करते ही आपके सामने अकाउंट क्रिएट करने का ऑप्शन आ जाएगा. अगले स्टेप में आपको अकाउंट वेरीफाई करना होगा. सिबिल स्कोर चेक करने के बाद आप Dashboard पर जा सकते हैं.

इसके अलावा बैंकिंग सर्विसेज एग्रीगेटरों की वेबसाइट पर भी क्रेडिट स्‍कोर को आसानी से चेक किया जा सकता है. इसके अलावा बहुत सारे प्लेटफॉर्म CIBIL Score चेक करने का ऑप्शन देते हैं.आप अपने स्मार्टफोन में Paytm App के जरिए भी इसे आसानी से चेक कर सकते हैं. Paytm App के ऑल-सर्विसेज में जाएंगे, तो आपको ‘Check Credit Score’ का ऑप्शन मिलता है जिसमें आपको अपना PAN Number दर्ज करना होता है और OTP आने के बाद आपके सामने CIBIL Score आ जाता है.

ये भी पढ़ें ;

1. क्रेडिट कार्ड क्या होता है | जाने credit card के फायदे, नुकसान, प्रकार, नियम एवं शर्तें और आवेदन प्रक्रिया (Credit Card in hindi)

2. नया बिजनेस शुरू करने के लिए लोन कैसे ले? पात्रता, दस्तावेज व लोन ब्याज दर (How to get Business loans)

3. पर्सनल लोन क्या हैं | Personal loan कैसे ले | जाने फायदे, ब्याज दर, आवश्यक दस्तावेज और आवेदन प्रकिया

तो आशा करते हैं, आपको क्रेडिट स्कोर की पूरी जानकारी मिल गई होंगी. क्रेडिट स्कोर क्या होता हैं? ये जानने में यह लेख आपको कितना मददगार साबित हुआ कमेंट सेक्शन में अपने विचार जरुर शेयर करें.

और ऐसे ही फाइनेंस और लोन से जुड़ी जानकारी को आसन भाषा में समझने के लिए www.paisainfo.com के साथ जुड़े रहे.

Leave a Comment